जेठालाल! ट्रांजैक्शन तो समझ आ गया... पर लोग ACID-ACID बोलते रहते हैं, वो क्या है? डेटाबेस में भी केमिस्ट्री आ गई क्या?
अरे भिडे ये कोई केमिकल वाला ACID नहीं — ये है ट्रांजैक्शन की चार गारंटी! आओ एक-एक करके समझते हैं...
जेठालाल की समझाई: या तो पूरा ट्रांजेक्शन होगा या कुछ भी नहीं — जैसे तू सोसायटी का सेक्रेटरी बना तो पूरा बना, आधा-सेक्रेटरी तो नहीं बना ना?
जेठालाल की समझाई: डेटाबेस पहले भी सही था और ट्रांजेक्शन के बाद भी सही रहना चाहिए — सोसायटी के खाते में ₹1000 थे, ₹100 जोड़े तो ₹1100 होने चाहिए, ₹1300 नहीं!
जेठालाल की समझाई: हर ट्रांजेक्शन को लगे जैसे वो अकेला चल रहा है। जैसे मैं और अय्यर भाई एक ही टाइम पे बबिता जी से बात करें, तो झगड़ा हो जाएगा — इसलिए अलग-अलग टाइम पे!
जेठालाल की समझाई: ट्रांजेक्शन एक बार हो गया तो पक्का हो गया — फिर चाहे बिजली चली जाए, चाहे सिस्टम क्रैश हो जाए डेटा रहेगा। जैसे बबिता जी की मुस्कान — एक बार दिख गई, तो हमेशा के लिए सेव हो गई!